वैक्सीनअंदर जाकर आपके शरीर में ऐसे एंटीवायरस बन जाते हैं तो कि आपको उस बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं। इसी को हम लोग वैक्सीन कहते हैं।
आज बात करते हैं की कोविशील्ड हो या कोवैक्सीन दोनो मे दो डोज़ क्यों चलिए जानते है क्या कारण है इसके पीछे पहले बात करते है कोविशील्ड की
कोविशील्ड :- कोविशील्ड मे करोना वायरस के M-RNAको
शरीर के अंदर डाला जाता है M-RNA शरीर के अंदर पहुंच कर अपना ( बाहरी आवरण ) कोशिका बनता है जोकि बिलकुल करोना वायरस की तरह ही होता है लेकिन बिकुल निष्क्रिय होता है यह अपनी और कपीस बनता है फिर शरीर
एंटीबाडीज बना लेती है पहले डोज़ मे यह किर्या 70 % होती है और दूसरे डोज़ मे 90 % परभवसाली होता है
कोवैक्सीन :- जबकि में करोना वाइरस को निष्क्रिय कर कर उसको मारकर बनाया जाता है इस वैक्सीन को भी लेने पैर वैसे ही काम करती है बैज्ञानिको के अनुसार इसकी प्रभाव साली दोनों डोज़ के बाद 80-85 % हैं
इसीलिए दोनों डोज़ लगाना जरुरी है दूसरी डोज़ इम्यून बूस्टर का काम करती है
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